ये ना बहोत छोटी उम्र में समझा
समझा है कि
जिस काम को तुम दिल से चाहोगे
उससे कभी छुट्टी नहीं लोगे
जो सपना खुद से देखोगे
उससे कभी कोई चुरा नहीं पाएगा
जिस मंजिल को तुम
सच्चे दिल से हासिल करना चाहोगे
वह कभी ना कभी
तुम्हारे सामने दरवाजे पे दस्तक दे ही देगी
जिस दफ्तर को
तुम अपने हाथों से सजा ओगे
वहां अलग सुकून मिलेगा
काम के नाम पर
तुम बाप के व्यापार में जुड़ के
कभी खुद को निखार नहीं पाओगे
काम तो एक नशा है
वो नशा जब तुम खुद चुनोगे
तो दुनिया की सबसे हसीन लत लग जाएगी
तुम्हें खुद से प्यार हो जाएगा
तुम्हारा काम तुम्हारा इश्क बन जाएगा
तुम्हें पता तक नहीं चलेगा
