नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती हैचढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती हैमन का विश्वास रगों में साहस भरता है

चढ़कर गिरना गिरकर चढ़ना ना अखरता हैआख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होतीकोशिश करने वालों की हार नहीं होती

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता हैजा कर खाली हाथ लौट आता हैमिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में

बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी मेंमुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होतीकोशिश करने वालों की हार नहीं होती

असफलता एक चुनौती है इसे स्वीकार करोक्या कमी रह गई देखो और सुधार करोजब तक न सफल हो नींद चैन को त्यागो तुम

संघर्ष का मैदान छोड़कर मत भागो तुमकुछ किए बिना ही जय जयकार नहीं होतीकोशिश करने वालों की हार नहीं होती

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होतीकोशिश करने वालों की हार नहीं होती

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